The Fact About shiv chalisa lyrics aarti That No One Is Suggesting

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अर्थ: हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे (पौराणिक कथाओं के अनुसार सागर मंथन से निकला यह विष इतना खतरनाक था कि उसकी एक बूंद भी ब्रह्मांड के लिए विनाशकारी थी) आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।

अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

नमो नमो जय नमो शिवाय । सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

अर्थ- अपनी पूजा को पूरा करने के लिए राजीवनयन भगवान राम ने, कमल की जगह अपनी आंख से पूजा संपन्न करने की ठानी, तब आप प्रसन्न हुए और उन्हें इच्छित वर प्रदान किया।

अर्थ- हे शिव शंकर आप तो संकटों का नाश करने वाले हो, भक्तों का कल्याण व बाधाओं को दूर करने वाले हो योगी यति ऋषि मुनि सभी आपका ध्यान लगाते हैं। शारद नारद सभी आपको शीश नवाते हैं।

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥

श्रीरामचरितमानस धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी

पाठ पूरा हो जाने पर कलश का जल सारे shiv chalisa lyrics in gujarati pdf घर में छिड़क दें।

चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना। लंकेश्वर भए सब जग जाना।।

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